द्वारका होटल से साइबर क्राइम सिंडिकेट का भांडाफोड, हवाला-क्रिप्टो से विदेश भेजी ठगी की रकम, 9 गिरफ्तार, 5.24 करोड़ की ठगी का खुलासा

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने द्वारका के एक होटल से छापेमारी कर सबसे पहले चार आरोपियों को पकड़ा और उनके खुलासे पर बाकी पांच को भी गिरफ्तार कर लिया। कुल नौ आरोपी गिरफ्त में हैं, जो बैंक खाते उपलब्ध कराकर करोड़ों की साइबर ठगी करवा रहे थे। एक ही बैंक खाते में मात्र छह दिनों में 5.24 करोड़ रुपये के दस हजार से ज्यादा ट्रांजेक्शन हुए।

IFSO के डीसीपी विनीत कुमार ने बताया कि 26 नवंबर को गुप्त सूचना मिली थी कि द्वारका के एक होटल में कुछ लोग साइबर फ्रॉड के लिए बैंक खाते चला रहे हैं और ठगी की रकम हवाला व क्रिप्टोकरेंसी के जरिए विदेश भेज रहे हैं। इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम ने होटल पर छापा मारा और चार आरोपियों को दबोच लिया। ये आरोपी सुल्तान सलीम शेख (पालघर, महाराष्ट्र), सैयद अहमद चौधरी (बेंगलुरु, कर्नाटक), सतीश कुमार (भिवंडी, ठाणे, महाराष्ट्र) और तुषार मलिया (शाहदरा, दिल्ली) हैं। ये एक साथ होटल में ठहरे थे और लगातार जगह बदलकर पुलिस को चकमा दे रहे थे।

पूछताछ में सुल्तान सलीम शेख ने कबूल किया कि उसने एक महीने पहले एक्सिस बैंक में करंट अकाउंट खोला था। बदले में उसे ठगी की रकम का 25 फीसदी कमीशन और नया मोबाइल फोन मिला। इस खाते में 21 से 26 नवंबर के बीच 10,423 लेन-देन हुए, जिनमें कुल 5 करोड़ 24 लाख 22 हजार 773 रुपये की रकम आई और निकाली गई। उनके खुलासे पर बाकी आरोपी शिवम (झरोदा कलां, दिल्ली), सुनील (बेगमपुर गांव, दिल्ली), प्रभु दयाल (डिडवाना, राजस्थान), तरुण शर्मा (सीकर, राजस्थान) और सुरेश कुमार कुमावत (नागौर, राजस्थान) को भी गिरफ्तार किया गया।

डीसीपी विनीत कुमार ने बताया कि जांच में पता चला कि यह गिरोह अच्छी तरह संगठित था। सुरेश कुमार कुमावत मुख्य कड़ी था, जो बैंक खाते सप्लाई करने वालों और विदेशी मास्टरमाइंड के बीच संपर्क रखता था। ठगी की रकम बैंक से निकालकर हवाला ऑपरेटरों को कैश दी जाती थी और बदले में USDT क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर होती थी। आरोपियों के पास से 12 मोबाइल फोन, कई चेक बुक, डेबिट कार्ड, बैंक दस्तावेज और बेंगलुरु पुलिस की एक नोटिस बरामद हुई। इस मामले में स्पेशल सेल थाने में FIR दर्ज की गई है। आगे डिजिटल फोरेंसिक जांच से हवाला ऑपरेटरों और विदेशी सरगनाओं तक पहुंच बनाई जाएगी।

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